Wednesday 26 July 2017
Tuesday 25 July 2017
6. सुन्दर चिड़ियाएँ
अब वो चित्र जिसके लिए सातताल मुझे इतना पसंद है।क्या कोई बता सकता है इस चित्र में कितनी चिड़िया है?बहुत दबे पांव चुपके से ये चित्र लिया है अन्यथा ये आपको अपने पीछे भगाती ही रहेंगी। अब शहर के शोर शराबे में जंहा इंसान का रहना मुश्किल है वहा इन बेचारी चिडियों के लिए जगह कहा; खैर जिन्हें प्रकृति से प्रेम हो वो सातताल जरुर जाए।
2. सातताल
ये चित्र मेरे मनपसंद स्थान सातताल का है जो की भीमताल के पास एक छोटी जगह है पर इतनी सुन्दर की एक बार देखने के बाद मन ना भरे; और सातताल जैसे की इसका नाम ही बताता है की यहाँ पे सात अलग अलग ताल है।
१.गरुण ताल
२.नल-दमयंती
३.पूर्ण ताल
४.सिताताल
५. राम ताल
६. लक्ष्मण ताल
७. सूखा ताल
अब ये स्थान मुझे इतना पसंद क्यों है इसके पीछे एक कारण ये है की ये स्थान भीड़भाड़ से दूर एक शांत स्थान है और दूसरा ये की बरसात के बाद जब ठण्ड शुरु होने वाली होती है तो यहाँ पे दूर देशो से आने वाले प्रवासी पक्षी यहाँ प्रवास करते है।
यहाँ ठहरने के लिए कंट्री इन् का होटल है और २ या ३ कैंप है और एक सरकारी गेस्ट हाउस।ताल के किनारे पे कुछ रेस्तरां भी है जंहा खाने पीने के लिए आपको कुछ ना कुछ मिल जायेगा।
इस ताल के चित्र को देख कर ही आप समझ गये होंगे ये जगह मुझे आखिर इतनी पसंद क्यों है; इसके आगे चित्र भी आपको आसानी से ये समझा देंगे।
१.गरुण ताल
२.नल-दमयंती
३.पूर्ण ताल
४.सिताताल
५. राम ताल
६. लक्ष्मण ताल
७. सूखा ताल
अब ये स्थान मुझे इतना पसंद क्यों है इसके पीछे एक कारण ये है की ये स्थान भीड़भाड़ से दूर एक शांत स्थान है और दूसरा ये की बरसात के बाद जब ठण्ड शुरु होने वाली होती है तो यहाँ पे दूर देशो से आने वाले प्रवासी पक्षी यहाँ प्रवास करते है।
यहाँ ठहरने के लिए कंट्री इन् का होटल है और २ या ३ कैंप है और एक सरकारी गेस्ट हाउस।ताल के किनारे पे कुछ रेस्तरां भी है जंहा खाने पीने के लिए आपको कुछ ना कुछ मिल जायेगा।
इस ताल के चित्र को देख कर ही आप समझ गये होंगे ये जगह मुझे आखिर इतनी पसंद क्यों है; इसके आगे चित्र भी आपको आसानी से ये समझा देंगे।
Monday 24 July 2017
1. अथातो घुमक्कड़ जिज्ञासा
अथातो घुमक्कड़ जिज्ञासा पूर्णतया सत्य वचन; राहुल सांकृत्यायन ने घुमक्कड़ी की महिमा की तुलना किसी शास्त्र से ही की है। मेरा खुद का भी ये ही मानना है आप किसी सुनसान सड़क के किनारे बैठ कर भी बहुत कुछ सीख सकते है।
हाल फिलाल बहुत ज्यादा जगह तो नहीं घूमी है पर फिर भी कोशिश है ज्यादा से ज्यादा जगह देखी जा सके; समझी जा सके; अभी तक मेरी घुमने वाली जगहों में राजस्थान का ज्यादा बड़ा नाम है; जो मुझे ना चाहते हुए भी अपने पास खीच लेता है शायद मेरे राजपूती खून की वजह से जो की एक तरह से राजस्थान से ही जुड़ा है; हम गोरखाओ के पूर्वज भी राजस्थान से ही है।
खैर; जितनी जगह घूमी है उनका विवरण शब्दों और चित्रों से देने की कोशिश करूँगा; शब्दों से खेलना तो नहीं आता है और खासतौर से हिंदी में तो बिलकुल भी नहीं जैसे हिंदी के बाकि ब्लॉगर कर लेते है पर फिर भी एक कोशिश है और सुना है की कोशिश ही सफल होती है।
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